ग्राहक: आपने तो बताया नहीं था कि गजक के पैकेट में इनाम है !
दुकानदार: कुछ निकला क्या !?
ग्राहक: हां, खाते समय माचिस की तीली आई थी मुंह में।
दुकानदार: अच्छा व्यंग्य कर रहे हो ? क्या नेगेटिव ऐटीट्यूड है ! शुक्र नहीं मनाते कि मुंह में आग नहीं लगी !
*पागलखाना* ==== बचकाना, अहमकाना, बेवकूफ़ाना, जाहिलाना, फ़लसफ़ाना, फ़लाना, ढिकाना....सब कुछ अनियोजित, अनियंत्रित, अनियमित, अघोषित....जब हमें ही कुछ नहीं पता तो आपको कैसे बताएं कि हम क्या करने वाले हैं....
शुक्र बम्ब नही आया.
जवाब देंहटाएंलोहड़ी, मकर संक्रान्ति पर हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई
वाह बहुत बढ़िया सर!
जवाब देंहटाएं------
ओ! हवा की लहरों
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मेरे पिता जी के ब्लॉग पर नयी पोस्ट
वाकई, मुंह में आग लहीं लगी यह गनीमत है और यही पाजिटिव थिंकिंग भी ।
जवाब देंहटाएंhahahahaha
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