tag:blogger.com,1999:blog-2778054252869636918.post8772157971656334509..comments2023-11-01T01:54:25.475-07:00Comments on पागलखाना PAAGAL-KHAANAA: भगवान के दूतSanjay Groverhttp://www.blogger.com/profile/14146082223750059136noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-2778054252869636918.post-18707713342367006842014-10-10T22:50:52.150-07:002014-10-10T22:50:52.150-07:00उसके और इसके भगवान में इतना फर्क कि पैसा बांटने वा...उसके और इसके भगवान में इतना फर्क कि पैसा बांटने वाला अपने आपको भगवान का दूत समझ बैठा हैं और भगवान का इंतजार करने वाले उनका इंतजार ही करते रह जाते हैंं। व्यंग्य के माध्यम से समाज में गहराती खाई का अच्छा चित्रण प्रस्तुत किया हैं।<br />Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/17352588013958158089noreply@blogger.com