शुक्रवार, 31 जनवरी 2014

चाहें तो इसे समीक्षा समझें-

जय हो

एक कोई लड़की है। कुछ गुण्डे हैं। उनके पास अच्छी, बड़ी-बड़ी गाड़ियां हैं। वे लड़की को उन्हीं गाड़ियों में उठा ले जाना चाहते हैं। वह जाना नहीं चाहती। जय फ़िल्म का हीरो है। वह गुण्डों को मारता है। इतना नहीं मारता जितना क्लाइमैक्स में मारा जाता है मगर कम भी नहीं मारता।

जय में एनर्जी काफ़ी भरी हुई है। वह न सिर्फ़ बहुत ऊंचा-ऊंचा उछलकर मार-पीट करता है बल्कि दो ही मिनट के बाद ज़ोर-ज़ोर से नाचता हुआ, एक गाना भ्रष्टाचार पर भी गाता है। इस गाने को सुनकर एक पुराना गाना याद आता है। यह रहा उसका लिंक-

http://youtu.be/NykVp7qG_Ss

इस बीच पता चलता है कि इस फ़िल्म में तब्बू, सलमान की बहिन है। पहले भी एक तब्बू आया करती थीं फ़िल्मों में। काफ़ी प्रतिभाशाली अभिनेत्री रहीं।

पता नहीं ये वही हैं या कोई और हैं। शक़्ल बिलकुल वैसी ही है।

डेज़ी शाह नयी अभिनेत्री हैं। वैसे तो कई बार पुराने भी बिलकुल नयों जैसा अभिनय करते हैं। पर डेज़ी की तंदरुस्ती ठीक-ठाक है। लहंगे के साथ गमबूट पहनकर काफ़ी भूकंपीय नृत्य करतीं हैं।

इधर गाना खत्म होता है, उधर जय एक विकलांग लड़की की मदद करता है। जय इस फ़िल्म में बहुत सारे (तक़रीबन चार-पांच) लोगों की सीधे-सीधे मदद करता है। वह यही करता रहता है।

फ़िल्म का एक प्लस प्वाइंट यह है कि जय के भांजे का नाम कबीर है।
मुझे जब किसी फ़िल्म में प्लस प्वाइंट निकालने हों तो मैं कैसे भी करके निकाल लेता हूं।

ट्रैफ़िक जाम की वजह से दूसरी बार कोई भी विकलांग लड़की की मदद के लिए नहीं पहुंच पाता। लड़की आत्महत्या कर लेती है। ट्रैफ़िक इसलिए जाम है कि किसी मंत्री की बेटी ने वहां से गुज़रना है।

फ़िल्म में मंत्री, पुलिस वगैरह के मुद्दे शुरु हो जाते हैं।
फ़िल्म शायद गंभीर हो रही है।

मैं आपको ठीक से बताता हूं।

जय एक बड़े घर का आम आदमी है। उसके पास तरह-तरह के सादा कपड़े हैं जिनके रंग थोड़े भड़कीले-भड़कीले से हैं। कपड़े तो चलो फ़ुटपाथ पर मिल जाते हैं पर उसके पास तो बाइकस् भी चार-पांच हैं। एक बार तो वह एक आदमी को बाइक फ़ेंककर ही मार देता है।

इस फ़िल्म से यह सीख भी मिलती है कि लोगों को उछल-उछलकर मारने के लिए मारने के लिए कृश या सुपरमैन होना ज़रुरी नहीं। बस थोड़ा फ़्लैक्सीबिल चरित्र का आदमी होना चाहिए जिसके चाहे जैसे विज़ुअल्स् बनाए जा सकें। इसके लिए कई लोग न्यूज़ चैनल्स् भी देख सकते हैं।

चूंकि जय को कई बार कई लोगों की मदद करनी होती है इसलिए कई बार कई लोगों को पीटना भी होता है।

आधी फ़िल्म गुज़र जाती है तो फ़िल्म के सभी पात्र अचानक ही जय को जय अग्निहोत्री कहकर पुकारना शुरु कर देते हैं।
इसे भी आप एक नये प्रयोग या किसी भारी सस्पेंस के ख़ुलने की तरह ले सकते हैं।

बहरहाल फ़िल्म में काफ़ी कुछ है। परंपरा भी है। स्त्रियां किचन में खाना वगैरह बनातीं हैं और पुरुष डायनिंग टेबल पर राजनीति वगैरह डिसकस करते हैं या खाने का इंतज़ार करते हैं। फ़िल्म में प्रगतिशील प्रेम भी है। जय का भांजा कबीर अपनी पड़ोसन रिंकी और जय के प्रेम के दौरान कई प्रगतिशील संवाद बोलता है। यहां तक कि हीरोइन रिंकी एक बार मारपीट के दौरान जय की मदद करने की भी कोशिश करती है जो कि किसी वजह से हो नहीं पाती।

फ़िल्म में कई लोग हैं जो बहुत अच्छे हैं, कई हैं जो बहुत ख़राब हैं। चूंकि जय सबसे अच्छा है इसलिए सारे ख़राब लोगों को वह अकेला ही मार डालता है। जो दस-पांच लोग उसके हाथों नहीं मरते, उसे आप उनकी प्राकृतिक मौत समझ लीजिए।

मैं बिलकुल भी नहीं कह रहा कि फ़िल्म अजीब है। इस तरह तो फ़िर मुझे बहुत सारी फ़िल्मों को अजीब कहना पड़ेगा। फ़िल्म में जिसके लिए अभिनय का जितना भी स्कोप रहा उतनी कोशिश सभी ने की है।

कबीर का रोल करनेवाला लड़का, सीरियसली, मुखर और संभावनाशील है। नयी अभिनेत्री डेज़ी शाह भी ठीक-ठाक हैं। गीत-संगीत कई लोगों मधुर या मेलोडियस भी लग सकते हैं।

आजकल फ़िल्में अपनी सारी कमाई पहले ही दिन कर लेती हैं। बाद में कोई देखे कि न देखे, फ़र्क़ भी क्या पड़ता है।

-संजय ग्रोवर

30-01-2014

Cast, Crow, Cry, Crew etc......

Directed by Sohail Khan, 
Writing Credits : A.R. Murugadoss (story), Dllip Shukla (screenplay and dialogue)

Salman Khan as Jai Agnihotri
Tabu as Geeta
Daisy Shah
Danny Denzongpa
Sabareesh
Ashmit Patel
Yash Tonk
Nadira Babbar
Pulkit Samrat


Producer
Sunil A Lulla, Sohail Khan


Story Writer
A R Murugadoss (Based on 2006 Tollywood Film 'Stalin' directed A. R. Murugadoss)

Screenplay & Dialogues
Dileep Shukla

Music Director
Sajid-Wajid, Amal Malik, Devi Sri Prasad

Choreographer
Ganesh Acharya

Background Music
Sandeep Shirodkar

Choreographer
Remo D'Souza, Radhika Rao, Vinay Sapru, Jani Basha, Mudassar Khan

Costume Designer
Ashley Rebello, Alvira Agnihotri

Editor
Ashish Amrute

Director of Photography
Santosh Thundiyil

Production Designer
Sabu Cyril

Action Director
A. Arasakumar, Ravi Varma

Publicity Designer
Rahul Nanda

Sound Designer
Jitendra Singh, Leslie Fernandes

Executive Producer
Prapti Doshi Moorthy

Media Consultants
Spice








(इस समीक्षा को ज़्यादा गंभीरता से न लें, बहुत हल्के में भी न लें।)


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