ग़ज़ल
आसमान से गिरी रे हड्डी
बच्च कबड्डी बच्च कबड्डी
गंग में थूके जमन में मूते
मांएं घिस-घिस धोएं चड्ढी
इसे टीपकर, उसे चाटकर
हुई जवां नोटों की गड्डी
चचा-ताऊ सब लूट ले गए
ताली-सीटी भरें फिसड्डी
आधी इसकी, आधी उसकी
गिरी कटोरे में जो हड्डी
-संजय ग्रोवर
19-10-2015
आसमान से गिरी रे हड्डी
बच्च कबड्डी बच्च कबड्डी
गंग में थूके जमन में मूते
मांएं घिस-घिस धोएं चड्ढी
इसे टीपकर, उसे चाटकर
हुई जवां नोटों की गड्डी
चचा-ताऊ सब लूट ले गए
ताली-सीटी भरें फिसड्डी
आधी इसकी, आधी उसकी
गिरी कटोरे में जो हड्डी
-संजय ग्रोवर
19-10-2015
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