ग़ज़लनुमां
काम अपना हम कर जाएंगे
मर जाएंगे तो मर जाएंगे
हम जैसे कभी जो बिगड़ जाएंगे
देख लेना कि कितने सुधर जाएंगे
जान जाएगी जब आसमां का असल
प्यारी धरती के पांव उखड़ जाएंगे
31-10-2015
एक लम्हा भी तो नहीं जी पाएंगे
वो जो जीने को सारी उमर जाएंगे
काम हमने किए नाम तुम ओढ़ लो
नाम छिलके के जैसे उतर जाएंगे
02-11-2015
-संजय ग्रोवर
02-11-2015
काम अपना हम कर जाएंगे
मर जाएंगे तो मर जाएंगे
हम जैसे कभी जो बिगड़ जाएंगे
देख लेना कि कितने सुधर जाएंगे
जान जाएगी जब आसमां का असल
प्यारी धरती के पांव उखड़ जाएंगे
31-10-2015
एक लम्हा भी तो नहीं जी पाएंगे
वो जो जीने को सारी उमर जाएंगे
काम हमने किए नाम तुम ओढ़ लो
नाम छिलके के जैसे उतर जाएंगे
02-11-2015
-संजय ग्रोवर
02-11-2015
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