ग़ज़ल
इससे जो मिलके काम करता है
माफ़िया एहतिराम करता है
तुम्हारा डर है माफ़िया की ख़ुशी
माफ़िया ऐसे काम करता है
पहले करता है ज़िक़्रे-आज़ादी
माफ़िया तब ग़ुलाम करता है
हिंदू, मुस्लिम हैं सब क़ुबूल इसे
माफ़िया आदमी से डरता है
नाम, पैसा, रुआब क्या चहिए
माफ़िया इंतज़ाम करता है
माफ़िया के जो काम आ जाए
नाम उसके इनाम करता है
माफ़िया से मिला लो हाथ अगर
माफ़िया ओस जैसे झरता है
तुम भले शब्द एक ही बोलो
माफ़िया अर्थ चार करता है
माफ़िया दाएं भी है बाएं भी
माफ़िया चमत्कार करता है
माफ़िया कितना तो अकेला है
मुझ अकेले पे वार करता है
आपमें दम है अगर, शक़ करलो
माफ़िया सबसे प्यार करता है
माफ़िया है, जवाब क्यों देगा!
माफ़िया बहिष्कार करता है
माफ़िया को शरम नहीं आती
वो तो बस शर्मसार करता है
माफ़िया यूं बड़ा ही सामाजिक
सारे पीछे से काम करता है
माफ़िया इसका, उसका, सबका है
जो भी उसको सलाम करता है
ख़ुद कोई क्यों तमाम होगा भला
माफ़िया सबका काम करता है
-संजय ग्रोवर
20-01-2018
इससे जो मिलके काम करता है
माफ़िया एहतिराम करता है
तुम्हारा डर है माफ़िया की ख़ुशी
माफ़िया ऐसे काम करता है
पहले करता है ज़िक़्रे-आज़ादी
माफ़िया तब ग़ुलाम करता है
हिंदू, मुस्लिम हैं सब क़ुबूल इसे
माफ़िया आदमी से डरता है
नाम, पैसा, रुआब क्या चहिए
माफ़िया इंतज़ाम करता है
माफ़िया के जो काम आ जाए
नाम उसके इनाम करता है
माफ़िया से मिला लो हाथ अगर
माफ़िया ओस जैसे झरता है
तुम भले शब्द एक ही बोलो
माफ़िया अर्थ चार करता है
माफ़िया दाएं भी है बाएं भी
माफ़िया चमत्कार करता है
माफ़िया कितना तो अकेला है
मुझ अकेले पे वार करता है
आपमें दम है अगर, शक़ करलो
माफ़िया सबसे प्यार करता है
माफ़िया है, जवाब क्यों देगा!
माफ़िया बहिष्कार करता है
माफ़िया को शरम नहीं आती
वो तो बस शर्मसार करता है
माफ़िया यूं बड़ा ही सामाजिक
सारे पीछे से काम करता है
माफ़िया इसका, उसका, सबका है
जो भी उसको सलाम करता है
ख़ुद कोई क्यों तमाम होगा भला
माफ़िया सबका काम करता है
-संजय ग्रोवर
20-01-2018
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" ,बुधवार 24जनवरी2018 को लिंक की गई है...............http://halchalwith5links.blogspot.in परआप भी आइएगा ....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंबहुत शुक्रिया पम्मीजी
हटाएंवाह!!!
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर....
लाजवाब !! बहुत खूब आदरणीय ।
जवाब देंहटाएंबहुत शुक्रिया राजेश जी
हटाएंवाह
जवाब देंहटाएंबहुत खूब
बहुत शुक्रिया ज्योति जी
हटाएं