‘बड़ी अच्छी जुगाड लगाई यार तूने, ंि दी कादमी में लग गया! बधाई हो!’
‘तू भी तो हुर्दू कादमी में फ़िट हो गया, तुझे भी बधाई!’
‘इसी को तो कहते हैं ं गा-अमुना संस्कृति’
‘अब तो पारदर्शिता का ज़माना है, अब तो हम खुलकर इसे कह सकते हैं
-ॉग्रेस-ीजेपी संस्कृति’!
*पागलखाना* ==== बचकाना, अहमकाना, बेवकूफ़ाना, जाहिलाना, फ़लसफ़ाना, फ़लाना, ढिकाना....सब कुछ अनियोजित, अनियंत्रित, अनियमित, अघोषित....जब हमें ही कुछ नहीं पता तो आपको कैसे बताएं कि हम क्या करने वाले हैं....
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