उन्हें लगा मैं हार गया हूं, हाथ सभीने खींचे
उन्हें लगा मैं जीत गया हूं, हो लिए पीछे-पीछे
कह बैठा ‘तुम सब गिरगिट हो’, दांत सभी ने भींचे
अब बस पत्थर ही पत्थर थे और मैं आंखें मींचे
--संजय ग्रोवर ;)
*पागलखाना* ==== बचकाना, अहमकाना, बेवकूफ़ाना, जाहिलाना, फ़लसफ़ाना, फ़लाना, ढिकाना....सब कुछ अनियोजित, अनियंत्रित, अनियमित, अघोषित....जब हमें ही कुछ नहीं पता तो आपको कैसे बताएं कि हम क्या करने वाले हैं....
ज़बरदस्त तंज़ ... चार लाइनों में एक बड़ी सच्चाई लिख डाली..
जवाब देंहटाएंवैसे मुझे लगता है के ये शेर ही है
kamal hai ...hamesha ki tarah ...
जवाब देंहटाएंGREAT SHAYARI
जवाब देंहटाएंreally great thought the reality of the world
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