शनिवार, 7 मई 2016

सच्चा डर

हर कोई बच्चे से यही कह रहा था,‘‘बेटे बड़ा आदमी बनना, क़ामयाब बनना, माँ-बाप का नाम रोशन करना.......’’

एक आदमी न जाने कहां से निकलकर आया, बोला, ‘‘बेटे, आदमी बनना, सच्चा आदमी बनना.....’’

बच्चा ग़ौर से उसकी तरफ़ देखने लगा-

और तब से परिवार परेशान है, लोग घबराए हैं, बाज़ार उदास है, दुनियादारी सहमी हुई है, धर्मगुरुओं की सांसें रुकी हैं, सत्ताएं सोच में हैं, स्कूल-कॉलेज-विश्वविद्यालय ख़ौफ़ में हैं, फ़िल्मकार और लेखक कुछ कहना चाहते हैं पर कह नहीं पा रहे हैं.....

-संजय ग्रोवर
07-05-2016



1 टिप्पणी:

निश्चिंत रहें, सिर्फ़ टिप्पणी करने की वजह से आपको पागल नहीं माना जाएगा..

ब्लॉग आर्काइव