एक ऐसी जगह है जहां लोग, अकसर, घंटों अकेले बातचीत करते हैं.
*पागलखाना* ==== बचकाना, अहमकाना, बेवकूफ़ाना, जाहिलाना, फ़लसफ़ाना, फ़लाना, ढिकाना....सब कुछ अनियोजित, अनियंत्रित, अनियमित, अघोषित....जब हमें ही कुछ नहीं पता तो आपको कैसे बताएं कि हम क्या करने वाले हैं....
मंगलवार, 2 अगस्त 2016
पागलखाना एफ़ एम : बात से बात-5/निराकार में भी कुछ नहीं रक्खा.....
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