PHOTO by Sanjay Grover |
सुना है प्रायोजित मंथन से प्रायोजित अमृत और प्रायोजित ज़हर निकला।
पहले तो प्रायोजितजन ने ख़ुदको देवताओं और राक्षसों में बांट लिया ( कहीं बाद में कोई झगड़ा न पड़ जाए)।
तब काम आसान हो गया।
और राक्षसों और देवताओं ने विष और अमृत आधा-आधा बांट लिया।
दोनों के हिस्से में आधा-आधा विष और आधा-आधा अमृत आया।
तब विष और अमृत एक-दूसरे के प्रभाव और दुष्प्रभाव से नष्ट हो गए।
इसके बाद देवतओं और राक्षसों ने भी आपस में महाभारत कर लिया और विनष्ट हो गए।
अब बचा हाभारत जहां सिर्फ़ लाशें बची रह गईं।
कभी-कभी वे आपस में लड़तीं हैं।
अपना टाइम पास करतीं हैं।
( प्रायोजित स्वतःस्फ़ूर्तों को समर्पित )
-संजय ग्रोवर
08-02-2018
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