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Photo by Sanjay Grover |
चांद से चिट्ठी आई है के दुनिया आनी-जानी है
मंदिर-मस्ज़िद यहीं बना लो, मंज़र बड़ा रुहानी है
गांधीजी का नाम रटो हो, पहने हो जैकेट और कोट
लंगोटी के नाम पे फिर क्यूं मरी तुम्हारी नानी है
आधी-पौनी दिखे सचाई,समझा ख़ुदको ज्ञानी है
अंधे कैसे होते होंगे गर ये दुनिया कानी है
सभी हुक़ूमत करना चाहें इल्मी-फ़िल्मी-राजा लोग
गांधी जैसी बात चले तो-‘बस इक रोटी खानी है’
ईद और करवाचौथ करो हो, देख-देखके चांद का मुह
आज ही क्यों ना चांद पे जाओ, ये दुनिया तो फ़ानी है
-संजय ग्रोवर
15-01-2019
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